Wednesday, 13 May 2020

सभी समाज बंधुओं को संदेश

     
        36 गौत्रीय डाकोत ब्राह्मण समाज भारतवर्ष
               💐 एक समाज ,  एक मंच  💐
    
 【 सभी समाज बंधुओं को संदेश 】

💐प्रिय समाज बंधुओं ,

  समाज के विकास में योगदान देने , सरकारी OBC लिस्ट में हमारी जाति के साथ जुड़े अन्य जातियों के नामो को हटवाने तथा डाकोत/देशांतरी शब्द के साथ 36 गौत्रीय ज्योतिषी ब्राह्मण शब्द जुड़वाने ,  समाज मे अन्य जातियों द्वारा की जा रही घुसपैठ को रोकने , समाज मे चली आ रही कुरूतियो को मिटाने व हमारी जाति की सामाजिक प्रतिष्ठा में उन्नति के लिए सर्व 36 गोत्रीय डाकोत ब्राह्मण समाज को एक मंच पर लाना ही हमारा उद्देश्य है।
और 36 गौत्र के डाकोत/देशांतरी समाज के सभी बंधुओ को एक मंच पर लाने व
सभी के सहयोग से इन उद्देश्यों की प्राप्ति का प्रयास किया जा रहा है। जिसमे आप सभी का सहयोग जरूरी है।🙏

हमारा उद्देश्य 36 गौत्र के समाज बन्धुओं को अपनी जाति के स्वर्णिम इतिहास से रूबरू कराना और  36 ऋषियों के नाम पर चले आ रहे हमारे समाज के 36 गौत्र , उनके उपगौत्र , उनकी पदवियां , प्रवर ऋषि , शाखा , सूत्र , कुल देवता आदि का ज्ञान कराना है ताकि पूर्वजों की धरोहर को हम सुरक्षित रख सकें। हर समाज अपने समाज के इतिहास , कला , संस्कृति , परम्परा , आदि के अस्तित्व को बचाये रखने के लिए विभिन्न माध्यमों से प्रयास करता है और हम भी वही कर रहे है। पूरे भारतवर्ष में फैले हमारे 36 गौत्र डाकोत देशांतरी ब्राह्मण बन्धुओं को एक मंच पर लाकर जोड़ने के पीछे का एक उद्देश्य ये भी है कि हम अपने समाज की शिक्षा , आर्थिक स्थिति , सरकारी पदों पर हमारी भूमिका , रोजगार , सामाजिक प्रतिष्ठा आदि में वृद्धि कर सके। और साथ ही समाज मे कुरुतिया , व गलत परंपराओं को मिटाने का प्रयास करे। 
- हर समाज की तरह हमारे समाज मे भी अन्तर्जातीय विवाह देखने को मिल सकते है जिन पर हम कभी भी अंकुश नही लगा सकते । हर समाज का व्यक्ति किसी भी समाज मे रिश्ते नाते करने हेतु स्वतंत्र है 
परंतु फिर भी इस ग्रुप के माध्यम से समाज के लोगो को अपने ही 36 गोत्रीय समाज मे वैवाहिक संबंध बनाने की ही सलाह दी जाती है और गोत्र आदि की जानकारी के लिए जागरूक करने का भी प्रयास किया जा रहा है।
- हम किसी जाति/ समाज को नीचा नही मानते है और न हम भेदभाव का समर्थन करते है। हमारी जाति तो स्वयं दूसरे लोगों द्वारा सदैव जातिगत भेदभाव का शिकार रही है और आज भी ये क्रम बदस्तूर कई ग्रामीण इलाकों में जारी है। इसलिए हम सर्व जाति समाज का सम्मान करते है। इसी सिद्धान्त पर हम और हमारा समाज चलता है। किंतु विगत कुछ महीनों से ये देखने मे आया है कि कुछ लोग बार बार हमारे समाज को अन्य जाति/समाज के साथ जोड़कर प्रचारित कर रहे है और दोनों को एक ही बताकर हमारे समाज बन्धुओं को गुमराह करते आ रहे है। हमारे समाज की हमारे पूर्वजों के समय से चली आ रही 36 गौत्र को भी तोड़कर उसमें उक्त समाज की गौत्र मिलाकर हमारे समाज की गौत्र को 84 बताकर एक लिस्ट बनाकर ग्रुपों में सेंड भी करते आ रहे है जिनकी प्रतियां हमारे पास मौजूद है जो अप्रमाणिक है । भला ऐसी हरकतें कौनसा समाज सहन करेगा। ऐसे लोगों को किसी समाज के आंतरिक रीति संस्कारों के साथ छेड़छाड़ करने का अधिकार आखिर किसने दिया। ऐसे लोगों का हम विरोध क्यों नही करेंगे जो बार बार हमारे समाज के रीति रिवाजों , हमारी गौत्रों आदि के साथ गन्दा खेल खेल रहे है। हमारे समाज को गुमराह करके झूठ बोलकर अन्य समाज मे मिलाने का कार्य कर रहे है। ये  दुष्कृत्य है , समाज इसे सहन नही करेगा। सरकार और कानून भी ऐसा कार्य करने का किसी भी व्यक्ति विशेष अथवा समाज को अधिकार नही देता है तो फिर इन लोगों ने किस नियम और कानून को आधार बनाकर हमारे समाज का रोज रोज मजाक बनाकर रखा है। जब हम किसी समाज के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नही करते है तो फिर कुछ लोग क्यों हमारे समाज के आंतरिक मामलों में दखलंदाजी करते आ रहे है। हम सर्व समाज की इज्जत करते है और उनके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नही करते है , ऐसे में हम दूसरों से भी ऐसी ही उम्मीद करते है कि कोई भी हमारे समाज के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप अथवा किसी भी तरह की छेड़छाड़ अथवा झूठा ज्ञापन और झूठी अप्रमाणिक टीका टिप्पणी और बयानबाजी नही करें। सबका अपना अपना समाज है तो फिर किसी को हमारे समाज मे घुसपैठ करने से क्या लाभ मिलेगा। इसलिए हम इस मंच के माध्यम से यही कहना चाहते है कि स्वयं भी स्वस्थ मानसिकता से साथ जिओ और दूसरों को भी जीने दो।
 हां , ये बात भी सत्य है कि एमपी और दिल्ली , यूपी की तरफ हमारे कुछ समाज बन्धुओं ने हमारी जाति के समान पेशे वाली अन्य जातियों मे रिश्तें नाते किये  है जिसे उनका आंतरिक मामला मानते हुए उनकी आपसी सूझबूझ से लिया हुआ निर्णय मानते है ओर हम उनका विरोध भी नही करते है। किंतु दो अलग जातियो में रिश्ता हो जाने  के कारण दोनों जातियों को एक तो नही कह सकते। जैसे जाट , गुर्जरो में और माली , कुम्हारो में कोई रिश्तें करले तो इससे ये एक नही कहे जा सकते की अब दोनो जातिया एक हो गई है।

और सरकार द्वारा ओबीसी सूची में कई जातियों को एक साथ एक वर्ग में रखा  है तो उसका मतलब भी ये कतई नही है कि वो सब एक है। राजस्थान सरकार ने ओबीसी अनुसूची के क्रम संख्या 10 पर डाकोत , देशांतरी के साथ 12 नवम्बर , 1999 को एक अन्य जाति रंगासामी उर्फ अड़भोपा को एक ही क्रम में जोड़ा , जिसका मतलब ये कतई नही है कि अब ये डाकोत हो गए। इसलिए दो जाति के लोगों का आपस में रिश्तें नाते करने से वो एक जाति के नही माने जाते।

ओर हमारे समाज के बन्धु किसी भी जाति समाज अथवा समाज मे अपनी स्वेछा से रिश्ते नाते करने हेतु पूरी तरह से स्वतंत्र है।वे अपने स्वविवेक से कुछ भी करे किन्तु झूठी पहचान बताकर अथवा हमारे समाज बन्धुओं को स्वयं की सही पहचान न देकर झूठ की बुनियाद पर रिश्ता करना और अपनी वास्तविकता छिपाना कहां तक सही है 🤔। 
कुछ लोग ये कहते दिख रहे है कि हम धमकी दे रहे है जबकि हम तो आपके द्वारा की जा रही हमारे समाज में घुसपैठ , जबरदस्ती मैं तेरा मेहमान की गलत नीति का विरोध कर रहे है जिसका हमें पूर्ण अधिकार है। इसलिए ऐसे लोगों से हमारा निवेदन है कि समाज विरोधी गतिविधि को बढ़ावा नही देवें। ये न आपके लिए हितकारी साबित होंगी और न हमारे लिए। इसलिए सभी अपने अपने समाज मे खुश रहिए और उसी की तरक्की में दिन रात एक कीजिये। आपसी सौहार्द बना रहे , यही हमारा उद्देश्य है। किसी भी समाज को भावनात्मक ठेस पहुंचाना हमारा मकसद नही है।


💐 इस मंच की बढ़ती सदस्य संख्या हमारी सफलता की परिचायक है। सभी सम्माननीय सदस्यो से निवेदन है कि इसी तरह मेहनत करके अपने सभी उद्देश्यों को प्राप्त करने में अवश्य सफल होंगे और हमारे डाकोत ब्राह्मण समाज की उन्नति के लिए आवश्यक रणनीति तैयार कर उसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे जिसमे आप सभी का सहयोग और आपके सुझाव व मार्गदर्शन की आवश्यकता रहेगी। हमारे समाज की यह विडंबना रही है कि हमने व्यक्तिगत प्रगति तो की है किन्तु समाज की कोई विशेष प्रगति हम आजतक नही कर पाए है। समाज के लोगो की , जहां वो रह रहे है , अच्छी व्यक्तिगत पहचान है। अच्छा नाम है ,  इज्जत है। परन्तु यह कोई नही जानता कि यह डाकोत समाज का व्यक्ति है और डाकोत समाज में ऐसे भी व्यक्ति है।
 इस लिए अपने दैनिक जीवन मे कुछ समय निकाल कर समाज की प्रगति में भी योगदान करें ।जिस तरीके से भी आप कर सकते है उस तरीके से करे। हमारे साथ मिलकर करना चाहते है तो हमसे जुड़े।
     धन्यवाद💐
      ओर से -  36 गोत्रीय डाकोत ब्राह्मण समाज, भारतवर्ष।


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